अकेली ही जा कर झूले पर बैठ यादों के झोंको से खुद को झुलाने लगी। अकेली ही जा कर झूले पर बैठ यादों के झोंको से खुद को झुलाने लगी।
मेरी आवाज़ तो सुनो माँ मेरी आवाज़ तो सुनो माँ
दु:खवाद से लदी चिल्ला-चिल्ला कर मेरी कहानी के हर पन्ने से आर्तनाद उठता है। दु:खवाद से लदी चिल्ला-चिल्ला कर मेरी कहानी के हर पन्ने से आर्तनाद उठता है।
बिना जाने बूझे भ्रूण हत्या की योजना बिना जाने बूझे भ्रूण हत्या की योजना
गरीब बच्चों के माँ-बाप को बच्चों की कमाई का लालची समझने की मध्यमवर्गीय मानसिकता सिर उठा रही थी... गरीब बच्चों के माँ-बाप को बच्चों की कमाई का लालची समझने की मध्यमवर्गीय मानसिकता ...
कहते हुए सास अस्पताल जाने की तैयारी करने लगी। कहते हुए सास अस्पताल जाने की तैयारी करने लगी।